रिलायंस ग्रुप के शेयर बने राकेट शेयर होल्डर्स हुए मालामाल : Reliance Group

अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनी, रिलायंस पावर, कर्जमुक्त होने की ओर अग्रसर है। उन्होंने हाल ही में अपनी दो subsidiary companies, कलाई पावर और रिलायंस क्लीनजेन के माध्यम से, ऑथम इन्वेस्टमेंट्स की एक और सहायक कंपनी रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस (RCFL) के साथ 1,023 करोड़ रुपये के कर्ज का समाधान किया है

यह कदम उन्होंने अपनी 45 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना को जेएसडब्ल्यू रिन्यूएबल एनर्जी को 132 करोड़ रुपये में बेचने के बाद उठाया, जिससे उनके कर्ज चुकाने के प्रयासों को बल मिला

इसके अतिरिक्त, कलाई पावर ने दिसंबर 2023 में अरुणाचल प्रदेश में अपनी प्रस्तावित 1,200 मेगावाट की जल-विद्युत परियोजना के विकास अधिकारों को 128 करोड़ रुपये में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को बेचा। इन बिक्री से प्राप्त राशि का उपयोग भी कर्ज चुकता करने में किया गया है।

Goal: Debt-Free

Debt-Free Aim

रिलायंस पावर का सपना साफ है – 31 मार्च, 2024 तक खुद को एक ऋण-मुक्त कंपनी के रूप में स्थापित करना। इस लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, कंपनी ने DBS Bank, ICICI Bank, और Axis Bank समेत कई बैंकों के साथ कर्ज निपटान समझौते किए हैं। वित्तीय वर्ष 2023 के अंत तक, कंपनी पर लगभग 700 करोड़ रुपये का कर्ज बाकी था, जिसे वह समाप्त करने की दिशा में अग्रसर है। रिलायंस पावर की यह पहल न केवल उनके वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत करेगी बल्कि निवेशकों और बाजार विश्लेषकों के बीच उनकी साख को भी सुधारेगी, जिससे उनकी बाजार में विश्वसनीयता और बढ़ेगी।

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